भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया
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अशोक गहलोत कुर्सी जाने के भय से ग्रसित हैं, उनकी पार्टी में ही उनका बड़ा विरोध है, शासक के तौर पर पूरी तरह विफल साबित हुयेः डॉ. सतीश पूनियां
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मुख्यमंत्री गहलोत सम्पूर्ण किसान क़र्ज़ा माफ़ी, बेरोज़गारी और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर जनता को भरोसा दिलाएं और वादे पूरे करेंः डॉ. पूनियां
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जयपुर, 29 अक्टूबर, 2021। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फितरत है कि राज्य सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिये बात बात पर केन्द्र को आरोपित करके प्रदेश की जनता को गुमराह करने की विफल कोशिश करते हैं। देश और प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार की नीयत और हक़ीक़त जान चुकी है, इसलिये 50 वर्षों तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी के विचार को नकार दिया गया।
अशोक गहलोत कुर्सी जाने के भय से ग्रसित हैं, उनकी पार्टी में ही उनका बड़ा विरोध है, शासक के तौर पर वह पूरे तरीक़े से विफल साबित हुए हैं, वो प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार पर झूठे व तथ्यहीन आरोप लगातार अपनी हताशा प्रकट करते हैं और जनता तथा कांग्रेस पार्टी के भीतर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करते हैं।
कांग्रेस सरकार नैतिक रूप से कमजोर है, जो आपसी झगड़े से खुद ही एक दिन गिर जायेगी। क्या 50 वर्षों तक राज करके कांग्रेस ने देश में रामराज्य स्थापित कर दिया था? बेहतर होगा कि गहलोत राजस्थान की जनता के साथ न्याय करें और सम्पूर्ण किसान कर्जा माफी, बेरोज़गारी और क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर जनता को भरोसा दिलाएं और वादे पूरे करें।

प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिए राज्य सरकार को गंभीरता से कार्य कर चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है।
सबको पता है कि एक समय कांग्रेस देश में महंगाई और भ्रष्टाचार की पर्याय बन गई थी।
कांग्रेस सरकार अंतर्कलह की शिकार है, जिसका असर राजस्थान की जनता पर पड़ रहा है, जिससे विकास कार्य अवरुद्ध पड़े हैं।
गहलोत सरकार की तानाशाही कार्यशैली से नाराज इनके कई विधायक खुद की ही सरकार के खिलाफ कभी धरने पर बैठते हैं, तो कभी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं। प्रदेश में कहीं भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान दुष्कर्म के मामलों पर शीर्ष पर है, साथ ही लूट, हत्या, डकैती, मॉब लिंचिंग इत्यादि अपराध भी लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय गहलोत बयानबाजी कर जनहित के मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
राज्य में ज्यादातार परीक्षाओं के पेपर लीक होने व भर्ती प्रक्रियायें पूरी नहीं होने से  युवा निराश और आक्रोशित है। सरकार की युवा विरोधी

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